कुंवारी कन्या को कौन से व्रत नहीं करना चाहिए ? जाने

कुंवारी कन्या को कौन से व्रत नहीं करना चाहिए ? जाने
कुंवारी कन्या को कौन से व्रत नहीं करना चाहिए ? जाने

Vrat ke Niyam for Unmarried Girls: Welcome to my blogs! In this post we will learn Vrat Ke Niyam for unmarried girls in Hindi.

कुंवारी कन्या या लड़की कौन-कौन से व्रत कर सकती है . हम इस पोस्ट के माध्यम से विस्तार से जानेंगे . दोस्तों आपको एक बात में बता दूँ . कुंवारी कन्या जबतक न पूजी जाय तो माता का कोई भी कार्य पूरा नहीं होता है अर्थात तब तक देवी माँ भी प्रसन्न नहीं होती है . तो इस पोस्ट में पढ़ेंगे .

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सनातन धर्म में हर महीने , हर हप्ते कोई न कोई त्यौहार आता ही रहता है चाहे वो व्रत हो या त्यौहार . लेकिन हर त्यौहार और व्रत का अलग अलग नियम और महत्व होता है . और सनातनी लोग बहुत ही श्रद्धा और प्रेम से उसे मनाते है . लेकिन कोई भी व्रत अथवा त्यौहार क्यों न हो सभी व्रत और त्यौहार खास करके सुहागिन या विवाहित महिलाएं ही मनाती है . लेकिन कुछ व्रत तथा त्यौहार में सुहागन महिलाये तथा कुंवारी कन्याएं भी मनाती है . सनातन धर्म में कुंवारी कन्याएं शादी के पहले ही वह व्रत तथा त्यौहार मनाते शुरू कर देती है . उनका ऐसा मानना है की इससे भगवान् प्रसन्न होंगे . तथा उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होगी . अच्छे दूल्हा मिलेगा . तो आइए जानते है कौन से ऐसे व्रत तथा त्यौहार है जिसे कुंवारी कन्याएं मना सकती है और मनाती है. आप इस वीडियो भी देख सकते है जिसे मेने आपके लिए बनाया है .

kunwari kanya kaun kaun se vrat kar sakti hai

तो आइए जानते है कुंवारी कन्याएं किन-किन व्रत और त्यौहार को कर सकती है :

नवरात्री का त्यौहार : दोस्तों नवरात्री का त्यौहार एक साल में चार बार आती है . शारदीय नवरात्री, चैत्र नवरात्री और दो गुप्त नवरात्री होते है . लेकिन शारदीय नवरात्री और चैत्र नवरात्री का त्यौहार ये दोनों त्यौहार कुंवारी कन्याये आसानी से कर सकती है . क्योकि इसमें ऐसा कोई नियम नहीं है की सुहागिन होना जरुरी है . इसमें देवी के नौ रूपों का नौ दिनों तक रोज रोज पूजा होती है . साथ ही इस त्यौहार में उपवास करने से मन शुद्ध होता है . और भगवान की भक्ति प्राप्त होती है .माँ खुद कुंवारी कन्या का भोग लगाने को कहती है . इसलिए ये दोनों व्रत को करने से दुर्गा माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है तथा उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है . तथा दुर्गा माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है .

अविवाहित लड़की एकादशी का व्रत रख सकती है?

सोमवार का व्रत : सोमवार के इस व्रत को कुंवारी कन्याएं आसानी से कर सकती है . क्योकि इस व्रत में भी कोई नियम नहीं है की सुहागिन महिलाएं ही कर सकती है . सोमवार का व्रत भगवान् भोलेनाथ और माँ पार्वती को समर्पित है . और कुंवारी कन्याएं को भगवान् भोलेनाथ उत्तम वर का आशीर्वाद देते है .इसलिए इस व्रत को कुंवारी लड़की कर सकती है .

गुरूवार का व्रत : गुरुवार का व्रत को कुंवारी कन्याएं कर सकती है . क्योकि इस व्रत में भी कोई बंधन नहीं है की इसे सुहागिन महिलायें ही कर सकती है . यह त्यौहार भगवान् विष्णु और माँ लक्ष्मी को समर्पित है . इस व्रत को करने से भगवान् विष्णु और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है . घर में सुख और समृद्धि का बास होता है . सभी मनोकामना पूर्ण होती है . शादी में आ रही कोई बाधा भी अपने आप समाप्त हो जाती है .

शुक्रवार का व्रत : शुक्रवार का व्रत भी कुंवारी कन्याएं भी कर सकती है क्योकि यह व्रत देवी लक्ष्मी यानि वैभव लक्ष्मी को समर्पित है . इसमें भी सुहागिन महिलाएं ही कर सकती है ऐसा कोई नियम नहीं है . इसलिए इस व्रत में सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं दोनों ही कर सकती है . यह व्रत अत्यंत फलदायक माना गया है . कुंवारी कन्याएं को उचित वर की प्राप्ति होती है .

Vrat ke Niyam for unmarried Girld

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करवाचौथ का त्यौहार : करवा चौथ का त्यौहार खास करके सुहागिन महिलाओं के लिए ही होता है . क्योकि इस त्यौहार में महिलाएं यह व्रत अपने पति की लम्बी आयु के लिए करती है . वे दिनभर उपवास रखती है और संन्ध्या वेला में चाँद देखने के बाद ,अपने पति का मुखड़ा आईने में देखकर अपना व्रत तोड़ती है . इससे उनकी पति की आयु लम्बी होती है . उनके दाम्पत्य जीवम में प्रेम बढ़ता है संतान की प्राप्ति होती है . लेकिन इसे कुंवारी कन्या भी कर सकती है वे होने वाले पति की लम्बी आयु के लिए रख सकती है . लेकिन व्रत तोड़ने के लिए वह तारे को देखकर अपना व्रत तोड़ सकती है . और सुहागिन महिलाएं जल अपने पति के हाथ से लेती है लेकिन कुंवारी कन्या अपने माँ से ले सकती है या स्वयं भी ले सकती है .

हरतालिका तीज : हरियाली तीज में भगवान् भोलेनाथ और माँ पार्वती की पूजा अर्चना होती है . तो इस व्रत को कुंवारी कन्याएं रख सकती है . इस व्रत को करने से कुंवारी कन्या को मनचाहा वर की प्राप्ति होती है .

शिवरात्रि का त्यौहार : शिवरात्रि या महाशिवरात्रि का त्यौहार सुहागिन महिलाएं तथा कुंवारी कन्याएं दोनों ही कर सकती है . क्योकिं इस व्रत को करने से भोलेनाथ जैसा वर की प्राप्ति होती है . घर में भोलेनाथ की कृपा बरसती है .

जन्माष्टमी का त्यौहार : यह त्यौहार भगवान् श्रीकृष्ण के जन्म के उपलक्ष में मनाई जाती है . जिसे कुंवारी कन्याएं भी कर सकती है . दिन भर उपवास करके हुए अपने ध्यान में में मग्न रहती है . भगवान् श्रीकृष्ण जो विष्णु जी के अवतार है मनचाहा वर की प्राप्ति होती है .

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