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International Tiger Day: बाघ दिवस की महिमा तथा क्यों मनाई जाती है ?

International Tiger Day: Welcome to my blogs! in this post we will learn about International Tiger Day. International Tiger Day is also known as World Tiger Day. International Tiger Day is celebrated every year on 29th July to raise awareness about tiger conservation and the urgent need to protect their natural habitats. This day serves as a global reminder of the critical threat facing the world’s tiger population and the importance of preserving one of nature’s most iconic and majestic species.

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है दुनिया भर में बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और बाघों की घटती संख्या की ओर ध्यान आकर्षित करना है। बाघ, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया की जैव विविधता के प्रतीक हैं, आज विलुप्ति की कगार पर खड़े हैं। ऐसे में यह दिन हमें याद दिलाता है कि बाघों को बचाना न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि प्रकृति के संतुलन के लिए भी बहुत जरुरी है .

International Tiger Day: बाघ दिवस की महिमा तथा क्यों मनाई जाती है ?
International Tiger Day: बाघ दिवस की महिमा तथा क्यों मनाई जाती है ?

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की शुरुआत वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर में आयोजित एक वैश्विक सम्मेलन से हुई थी, जिसे “टाइगर समिट” कहा गया। इस सम्मेलन में 13 बाघ आवास वाले देशों ने भाग लिया और यह निर्णय लिया गया कि वर्ष 2022 तक दुनिया भर में जंगली बाघों की संख्या को दोगुना (Tx2 लक्ष्य) किया जाएगा। इस सम्मेलन के दौरान यह भी स्वीकार किया गया कि यदि तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो बाघ विलुप्त हो सकते हैं। सेंट पीटर्सबर्ग के इस सम्मेलन के बाद से यह निर्णय लिया गया की हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाएगा . ताकि विलुप्त होते बाघ की प्रजातियां का सरंक्षण के प्रति लोगों को जागरुकता फैलाई जा सके .

दुनियां में बाघों की स्थिति

जरूर पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर सामान्य ज्ञान के प्रश्न

20वीं सदी की शुरुआत में पूरी दुनिया भर में करीब 1 लाख बाघ थे। परंतु समय के साथ यह संख्या तेजी से घटती गई।

  • 2010 तक दुनिया में जंगली बाघों की संख्या घटकर मात्र 3,200 रह गई थी।
  • 2022 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 4,500–5,000 के आसपास पहुंची है, जो कि संरक्षण प्रयासों का सकारात्मक परिणाम है।

भारत, बाघों की संख्या के मामले में विश्व में पहले स्थान पर है। यहां कुल बाघों की संख्या लगभग 3,000 से अधिक है, जो विश्व की कुल बाघ जनसंख्या का लगभग 70% है।

बाघों के सामने खतरे

वर्तमान समय में बाघ के लिए कई चुनौतियाँ है जिससे उन्हें निपटना होगा . जैसे:

  1. शिकार और अवैध व्यापार: बाघों की हड्डियाँ, खाल और अन्य अंगों का अवैध व्यापार आज भी बहुत बड़ा खतरा बना हुआ है।
  2. आवास की हानि: जंगलों की कटाई और इंसानी बस्तियों के विस्तार के कारण बाघों का प्राकृतिक निवास क्षेत्र घट रहा है।
  3. मानव-बाघ संघर्ष: जब बाघों का आवास नष्ट होता है, तो वे भोजन की तलाश में गांवों की ओर बढ़ते हैं, जिससे हिंसक टकराव होते हैं।
  4. जलवायु परिवर्तन: विशेषकर सुंदरबन जैसे इलाकों में बढ़ते समुद्र स्तर और पर्यावरणीय बदलाव बाघों के लिए चुनौती बन रहे हैं।

बाघों का संरक्षण

बाघ हमारे परिस्थिति तंत्र का मुख्य सदस्य है . इसलिए इसकी रक्षा करना बहुत आवश्यक है अन्यथा प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा . इसलिए इसके सरंक्षण के लिए भारत सहित कई देशों ने बाघों की रक्षा के लिए अनेक कार्यक्रम और योजनाएँ शुरू की हैं: जैसे:

  • प्रोजेक्ट टाइगर (1973): भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया यह कार्यक्रम बाघ संरक्षण का सबसे प्रभावशाली अभियान माना जाता है।
  • टाइगर रिज़र्व: देश भर में अब तक 50 से अधिक टाइगर रिज़र्व बनाए जा चुके हैं, जिनमें बाघों को सुरक्षित और प्राकृतिक माहौल मिल रहा है।
  • डिजिटल मॉनिटरिंग: बाघों की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे कैमरा ट्रैप, जीपीएस कॉलर आदि का उपयोग किया जा रहा है।
  • स्थानीय समुदायों की भागीदारी: गांवों और वनवासियों को संरक्षण कार्यों से जोड़ा जा रहा है ताकि वे बाघों की रक्षा में भागीदार बनें।

भारत का विशेष योगदान:

  • भारत ने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व किया है। 2018 की बाघ गणना में भारत ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जब एक सर्वेक्षण में 381,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाघों की गणना की गई थी।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में नई दिल्ली में “अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस” के अवसर पर भारत की बाघ जनसंख्या में हुई वृद्धि की घोषणा की थी, जो विश्व समुदाय के लिए एक प्रेरणा बना।
अंतर्राष्ट्रीय प्रयास:
  • WWF (World Wide Fund for Nature) जैसे संगठन बाघ संरक्षण के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
  • Global Tiger Forum जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों के ज़रिए देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
Importance of International Tiger Day

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस सिर्फ एक दिवस नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रहरी को बचाने का संकल्प है। बाघ न केवल भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान हैं, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र की कड़ी भी हैं। यदि बाघ सुरक्षित रहेंगे, तो जंगल भी सुरक्षित रहेंगे, और जब जंगल सुरक्षित रहेंगे, तभी हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। तो आइए, इस अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर हम यह संकल्प लें कि बाघों की दहाड़ को जंगलों में हमेशा के लिए बनाए रखें। अगर बाघ बचेंगे, तो जंगल भी सुरक्षित रहेंगे .और जब जंगल बचेंगे, तब ही जीवन बचेगा।”

जय बाघ! जय प्रकृति!
वंदे मातरम्!

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